Thursday, August 21, 2025

Important facts about vedic period in hindi

 

Important facts about vedic period

वैदिक काल (Vedic Age)

Important facts about vedic period


                भारतीय इतिहास में वैदिक काल का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है इसलिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में यहाँ से प्रश्न बनते रहे हैं । इस काल से प्राप्त जानकरी से हमें हमारे समाज की शुरूआती व्यवस्था, रहन सहन, व्यवसाय, विचारधारा, तत्कालीन शिक्षा व्यवस्था आदि की जानकारी प्राप्त होती है।

वैदिक काल से सम्बंधित विभिन्न बिन्दुओं पर महत्वपूर्ण तथ्यों को नीचे प्रदर्शित किया गया है ।

 

 

वैदिक काल का समय निर्धारण

 संभवतः इस काल में समाज व्यवस्थित होने लगा था और इसमें समाज निर्माण की प्रक्रिया का प्रमुख माध्यम शिक्षा रही थी । इस शिक्षा का विस्तार तब और होने लगा जब एक स्थान की सभ्यता का विस्तार अन्य क्षेत्रों तक पहुँचने लगा इसी क्रम में भारतीय इतिहास में वैदिक काल को वह समय कहा जाता है जब आर्यों ने भारत में प्रवेश कर वेदों की रचना की।

 इतिहासकारों के अनुसार वैदिक काल लगभग 1500 ई.पू. से 600 ई.पू. तक माना जाता है।

वैदिक काल को मुख्यतः दो भागों में बाँटा गया है

1.       ऋग्वैदिक काल             -     1500 ई.पू.–1000 ई.पू.

2.       उत्तर वैदिक काल    -     1000 ई.पू.–600 ई.पू.

 

·         यह काल भारतीय इतिहास का प्रारंभिक लिखित स्रोत प्रदान करता है।

 

वैदिक कल के संबंध में प्रमुख स्रोत

इतिहास के संबंध में जानकारियों का मुख्य स्रोत पुरातन या लिखित साक्ष्य होते हैं, वैदिक काल की जानकारी का मुख्य आधार चार वेद हैं ।

 प्रमुख ग्रंथ -

·         चार वेद ऋग्वेद (सबसे प्राचीन ग्रन्थ), सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद

·         ब्राह्मण ग्रंथ यज्ञ संबंधी विवरण

·         आरण्यक ग्रंथ वन में अध्ययन के लिए

·         उपनिषद दार्शनिक विचारों पर आधारित

·         स्मृति एवं श्रुति परंपरा के तथ्य

सामाजिक व्यवस्था

·         ऋग्वैदिक काल –

o   जीवन जनजातीय था।

o   परिवार और कुल को महत्त्व।

o   स्त्रियों की स्थिति सम्मानजनक थी।

o   सभा और समिति राजनीतिक संस्थाएँ थीं।

 

·         वैदिक काल –

o   वर्ण व्यवस्था कठोर हो गई (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र)।

o    स्त्रियों की स्थिति गिरने लगी।

o    राजसत्ता मजबूत हुई।

 

अर्थव्यवस्था

Ø  प्रारंभिक वैदिक काल में लोग पशुपालन पर आधारित थे।

Ø  कृषि धीरेधीरे विकसित हुई।

Ø  व्यापार का माध्यम निष्क (सोने का टुकड़ा) और शतमान (चाँदी का सिक्का) था।

Ø  पेशे लोहार, बढ़ई, बुनकर, चर्मकार आदि।

 

·         ऋग्वैदिक काल –

o   पशुपालन मुख्य आधार।

o    कृषि का आरंभ हुआ, पर अभी बहुत विकसित नहीं।

o    व्यापार वस्तुविनिमय पर आधारित।

 

·         वैदिक काल –

o   कृषि मुख्य पेशा बन गई।

o    लोहे के औज़ारों का प्रयोग।

o    गाँवगाँव में उद्योग और हस्तशिल्प।

 

धर्म

Ø  देवताओं की पूजा प्राकृतिक रूपों में होती थी।

Ø  ऋग्वैदिक काल के प्रमुख देवता इंद्र (युद्ध और वर्षा के देवता), अग्नि, वरुण, मित्र, सोम।

Ø  उत्तर वैदिक काल में ब्रह्मा, विष्णु, महेश की अवधारणा विकसित हुई।

Ø  यज्ञ और बलि का महत्व बढ़ा।

 

·         ऋग्वैदिक काल –

o   प्रकृति पूजक थे।

o    प्रमुख देवता इंद्र (वज्रपाणि, मेघ और युद्ध के देवता), अग्नि, वरुण, मित्र, सोम।

o    यज्ञ और हवन का महत्व।

·         वैदिक काल –

o   ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र (शिव) की अवधारणा।

o    यज्ञ बड़े और जटिल होने लगे।

o    दर्शन और उपनिषदों का विकास।

 

राजनीति

Ø  प्रारंभिक काल में गणतंत्र व सामूहिक निर्णय।

Ø  बाद में बड़ेबड़े राज्यों और महाजनपदों का उदय।

Ø  राजा का महत्व बढ़ा, पुरोहित शक्तिशाली बने।

Ø  जन (Tribe), विश (Clans) और ग्राम (Village) – ये राजनीतिक इकाइयाँ थीं।

Ø  राजा की शक्ति सीमित थी, उसे सभा और समिति की सलाह लेनी पड़ती थी।

Ø  उत्तर वैदिक काल में राजसत्ता मज़बूत हुई और बड़ेबड़े राज्यों का विकास हुआ।

 

कला और संस्कृति

Ø  संगीत और नृत्य का उल्लेख वेदों में मिलता है।

Ø  सामवेद को "संगीत का स्रोत" माना जाता है।

Ø  ललित कलाओं का विकास धीरेधीरे हुआ।

 

शिक्षा और संस्कृति

Ø  गुरुकुल प्रणाली प्रचलित थी। गुरुकुल प्रणाली में शिक्षा दी जाती थी।

Ø  शिक्षा मौखिक परंपरा से दी जाती थी (श्रुति और स्मृति)।

Ø  विद्यार्थी ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते थे।

Ø  संगीत, नृत्य और गायन प्रचलित।

 

 

विज्ञान एवं गणित

Ø  ऋग्वेद में 33 देवताओं का उल्लेख (12 आदित्य, 11 रुद्र, 8 वसु, इंद्र, प्रजापति)।

Ø  खगोल विज्ञान का ज्ञान था दिन, महीना, ऋतु और वर्ष का निर्धारण।

Ø  गणना पद्धति विकसित थी।

Ø   वैदिक लोग खगोल विज्ञान से परिचित थे।

Ø   चंद्र और सूर्य की गति के अनुसार माह व ऋतु निर्धारण।

Ø   गणना और संख्याओं का प्रयोग।

 

संक्षेप में

 

ऋग्वैदिक काल = गणतंत्र,  पशुपालन प्रधान, स्त्रियों को सम्मान, प्रकृति पूजा

उत्तर वैदिक काल =  कृषि प्रधान, वर्ण व्यवस्था कठोर,  राजसत्ता मज़बूत, उपनिषद दर्शन

 

प्रतियोगिता परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण पॉइंट्स (important facts about vedic period)

·         प्रारंभिक वैदिक साहित्य लिखित नहीं था, मौखिक परंपरा (श्रुति) पर आधारित था।

·         ऋग्वेद सबसे प्राचीन ग्रंथ है (मंडल 1–10)

·         सभा और समिति दो प्रमुख राजनीतिक संस्थाएँ थीं।

·         आर्य घोड़ों और रथों के उपयोग में दक्ष थे।

·         उत्तर वैदिक काल में महाजनपदों का उदय हुआ।

·         वेदों को कहा गया है अपौरुषेय और नित्य

·         आर्य = घुड़सवारी और रथयुद्ध में निपुण

·          उत्तर वैदिक काल = महाजनपदों का उदय

·         प्रारंभिक वैदिक काल में समाज गणतंत्रीय और जनजातीय था।

·          परिवार को "कुल" और कुलों को मिलाकर "ग्राम" कहा जाता था।

·          प्रमुख पदाधिकारी राजा, पुरोहित, सेनापति, ग्रामणी।

·          स्त्रियों की स्थिति उन्हें उच्च स्थान प्राप्त था, वे वेदाध्ययन कर सकती थीं (लोपामुद्रा, घोषा, गार्गी, मैत्रेयी आदि प्रमुख महिला विदुषियाँ थे )।

·          जाति व्यवस्था प्रारंभिक काल में कठोर नहीं थी, पर उत्तर वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था कठोर हो गई।

 

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